Saturday 12 February 2022

सर्वोपरि - कला - कौशल ....

 ---मानसिक संतुलन के चार पक्ष होते है---

सतर्कता -सजगता 

विचार -प्रवाह 

व्यवहार -अभ्यास 

रुझान -उत्साह 

इन चारो का सुव्यवस्थित क्रम चल पड़ने से मनुष्य मानसिक द्रष्टि से समर्थ एवं सुविकसित बनता है.

यह एक जीवन की अनमोल निधि नहीं बल्कि एक कला है इसके माध्यम से ही जीवन को हरा -भरा , पल्लवित-पुष्पित और सुखी -शांत बनाया जा सकता है !



No comments:

Post a Comment

If you have any doubt , please let me know .

आत्मस्वरूप....?

 आज इस भागम -भाग ज़िंदगी में हमारा आत्मस्वरूप का अंत हो रहा है ये एक दिन में होने वाली घटना नहीं है ये निरन्तर हमारे द्वारा किये गए कार्य का ...

7