"L I F E " is not finding yourself life is creating yourself "
सही मायने में ज़िंदगी क्या है ??
बहुत से लोगो ने अपनी ज़िंदगी तय कर रखा है अपनी तरह से या अपने तरीको से , वो खुद को समझ ही नहीं पा रहे है या वो दुसरो को समझा ही नहीं पा रहे है ?
और कभी कभी हम खुद को भी अपनी ही ज़िंदगी से ही अलग कर देते है। बल्कि यह पूर्ण रूप से गलत है।
थोड़ा सा अगर हम सोच के देखे और ये ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि बस सोच ले मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि थोड़ा सा अपने मन को शांत कर के और धैर्य पूर्वक देखे तो आप ही है सही मायने मे------" ज़िंदगी "!
क्यू कि अगर "आप " नहीं तो यह " ज़िंदगी " नहीं ।
जिस दिन सुबह अपने आप को शीशे के सामने देख के मुस्कुरा लिया और ये बोल दिया कि धन्यवाद इस ज़िंदगी का उस दिन आपके सामने
कितनी भी मुश्किलें होंगी आप हमेसा ऊर्जावान रहेंगे और दुसरो की ज़िंदगी को भी महत्त्व देंगे।
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