Saturday 12 February 2022

मानसिक संतुलन ?

मन की दो सर्वज्ञात विशेषता है --- " चंचलता "   एवं   " सुख -लिप्सा " 

कोई भी व्यक्ति भले ही चुपचाप बैठा रहे ,  कुछ न करे फिर भी उस स्थिति  में भी उसे पूर्णत्या निष्क्रिय नहीं कहा जा सकता  है !

क्यू कि उस स्थिति में भी " मस्तिष्क " कुछ न कुछ सोच रहा होता है भले ही वह जो सोच रहा है वो बिल्कुल अप्रसांगिक , असंबन्ध , अनावश्यक और अस्त - व्यस्त हो लेकिन ये भी अपना प्रभाव मस्तिष्क में अवश्य छोड़ देते है !

एक प्रसिद्ध कहावत है -- " मन जीता तो जगत जीता "    >> एक ओर प्रकृति है दूसरी ओर ब्रह्मा है ,और मन इन दोनों के बीच पल का काम करता है !

 


 

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